छत्तीसगढ़ के रायपुर सहित 8 शहरों में लगेंगे बायो-सीएनजी प्लांट

Bio-CNG plants will be set up in 8 cities including Raipur in Chhattisgarh

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर छत्तीसगढ़ के सभी नगरीय निकायों में जैव अपशिष्ट और कृषि अपशिष्ट के प्रसंस्करण के लिए बायो-सीएनजी प्लांट स्थापित किए जाएंगे। बीपीसीएल और गेल के सहयोग से 800 करोड़ रुपए की लागत से इन संयंत्रों का निर्माण होगा। नगरीय प्रशासन विभाग ने प्रदेश के आठ स्थानों पर जमीन चिन्हित कर ली है और जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

विभाग के अनुसार, एक महीने के भीतर टेंडर प्रक्रिया पूरी कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। बता दें कि 17 अप्रैल 2025 को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इन संयंत्रों के लिए सार्वजनिक उपक्रमों को एक रुपये प्रति वर्गमीटर की रियायती दर पर जमीन आवंटित करने का निर्णय लिया गया था। इसके तहत बीपीसीएल और गेल को 10 एकड़ जमीन 25 साल की लीज पर दी जाएगी।

बायो-सीएनजी जैविक अपशिष्ट जैसे पशु अपशिष्ट, खाद्य अपशिष्ट और औद्योगिक कीचड़ से बनाया जाता है। यह प्रक्रिया एनारोबिक डाइजेस्टर में होती है, जहां अपशिष्ट को बायोगैस और डाइजेस्टेट में बदला जाता है। बायोगैस को संसाधित कर 95% शुद्ध मीथेन गैस प्राप्त की जाती है, साथ ही उच्च गुणवत्ता वाला तरल उर्वरक भी बनता है। यह पहल न केवल अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा देगी, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देगी।

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