पाकिस्तान का पाप का घड़ा भरा, हमने चीन की मिसाइल को भी मार गिराया: भारतीय सेना
Pakistan's cup of sins is full, we also shot down China's missile: Indian Army


डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के बाद सोमवार दोपहर तीनों सेनाओं के डीजी ने प्रेस ब्रीफ किया। इस दौरान ऑपरेशन सिंदूर के बारे में अधिक जानकारी दी गई। बता दें कि इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया है। इसके अलावा पाकिस्तान के 11 एयरबेस को भी भारी नुकसान पहुंचा है।
पाकिस्तान ने आतंकियों का साथ दिया
एयर मार्शल एके भारती ने कहा कि यह दुख की बात है कि पाकिस्तानी सेना ने आतंकवादियों के के लिए साथ देना चुना और इसलिए हमने जवाब देने का फैसला किया। हमारी लड़ाई आतंकवादियों और उनके सहायक ढांचे से है, न कि पाकिस्तानी सेना से।
हमारे हथियार समय पर खरे उतरे। हमारी स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली ‘आकाश’ अच्छा काम कर रही है। चीन की PL-15 मिसाइल को हमने मार गिराया। इसके टुकड़े हमारे पास उपबल्ध हैं। एक लंबी दूरी की मिसाइल को भी हमने मार गिराया।
उन्होंने आगे कहा कि हमारी रक्षा प्रणालियां देश के लिए दीवार की तरह खड़ी रहीं, जिससे दुश्मन के लिए उन्हें भेदना असंभव हो गया।
पाकिस्तान के पाप का घड़ा भरा
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वहीं, डीजीएमओ लेफ्टिनेंट राजीव घई ने कहा कि पिछले कुछ सालों में आतंकवादी गतिविधियों का चरित्र बदल गया है। निर्दोष नागरिकों पर हमले हो रहे थे। पाकिस्तान के पाप का घड़ा भर चुका है।
हमारे हवाई क्षेत्र हर तरह से चालू हैं। हमारी वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तानी ड्रोन और यूएवी से किए गए हमलों को नाकाम कर दिया। बाकी ड्रोन को हमारे कंधे से दागे जाने वाले हथियारों से मार गिराया गया।
जवानों ने बहादुरी से साथ दिया
मैं हमारी बीएसएफ की भी प्रशंसा करना चाहूंगा। महानिदेशक से लेकर सीमा पर मौजूद आखिरी जवान तक सभी ने इस ऑपरेशन में सक्रिय रूप से भाग लिया। उन्होंने बहुत बहादुरी से हमारा साथ दिया।
भगवान करे लड़ाई ना हो…
एयर मार्शल एके भारती ने कहा, ‘ये दूसरे तरह का वार था और ऐसा होना ही था। अगली जब भी लड़ाई होगी, भगवान करे लड़ाई न हो, लेकिन अगर हुई तो ये पिछली की तरह नहीं होगी। हर एक लड़ाई एक अलग तरीके से लड़ी जाती है।’
सेना का साफ संदेश
भारतीय सेना की कल की प्रेस कॉन्फ्रेंस शिव तांडव की गूंज से शुरुआत हुई थी और आज की शुरुआत हुई रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध कविता- “याचना नहीं, अब रण होगा…।