फर्जी तरीके से हो रही शिक्षा विभाग में यति युक्तिकरण का कार्य,उठ है सवाल:कोंडागांव
Rationalization work is being done in the education department in a fraudulent manner, questions have been raised: Kondagaon

कोंडागांव/दीपक वैष्णव- जिले में कई शिक्षक इस यतियुक्ति करण से लाभान्वित जरूर हो रहे हैं लेकिन बहुत सारे शिक्षक जो सीनियर हैं उसे संस्था में उन्हें उस संस्था से हटाकर प्रति नियुक्ति के आड़ में गवर्नमेंट द्वारा खेली जा रही या रची जा रही साजिश का शिकार वह शिक्षक हो रहे हैं जो कई वर्षों से उस संस्था में अपनी सेवा दे रहे हैं और कई वर्षों से उस संस्था में पदस्त शिक्षक प्रति नियुक्ति जो की एक समान से अटैच या संलग्नि करण कहा जा सकता है इस संलग्नी करण अटैच या प्रति नियुक्ति के आड़ में हो रहा कई शिक्षकों का शोषण ,जबकि मूल पद स्थापना में पदस्थ शिक्षक अपने स्थान से हटाकर अतिशेष किया जा रहा है प्रतिनियुक्ति में आए शिक्षकों को लाभ देना बिल्कुल नियम के विरुद्ध है,नियम अनुसार उस संस्था में जो पहले पदस्थ है उस संस्था की जॉइनिंग तिथि देखनी चाहिए ,उस संस्था में पहले ज्वाइनिंग किए हुए कर्मचारी को पद देना चाहिए उसे संस्था में जॉइनिंग की तिथि को देखते हुए उसे संस्था का पद देना चाहिए लेकिन यहां पर देखा जा रहा है शिक्षा विभाग के द्वारा की बहुत सारे शिक्षक जो रिटायर्ड के कगार पर है उस संस्था में लगातार सेवा दे रहे हैं उनकी मूल पद स्थापना वहीं पर है परंतु उन्हें आज दो-चार दिनों से आए हुए प्रतिनियुक्ति के तहत जो नियम बना है प्रतिनियुक्ति का हवाला देकर मूल पदस्थ शिक्षक को हटाकर प्रतिनयुक्ति को रखा जाना नियम के विरुद्ध है इस पर सरकार को संज्ञान लेना चाहिए और चाहे वह प्रतिनियुक्ति हो अटैच हो संलग्नी करण हो उसे हटा कर उस संस्था में प्रथम नियुक्ति है उसे उस संस्था का पद देना चाहिए जो कि नियम के अनुसार है लेकिन सरकार अपने से बहुत सारा नियम एवं अधिकारियों की तानाशाही या मनमानी कहा जाए जिससे इस प्रकार की स्थिति शिक्षा विभाग में निर्मित हुई है इसे दूर करनी चाहिए प्रति नियुक्ति को प्राथमिकता देना कहीं ना कहीं अधिकारियों के रिश्तेदारों का इस प्रतिनियुक्ति में होना स्पष्ट दर्शाता है और अधिकारी भी अपने रिश्तेदारों को प्रतिनियुक्ति दिलाकर रखे आत्मानंद स्कूलों में प्रतिनियुक्ति वाले को प्राथमिकता देने का नियम अपने से बनाकर शासनस्तर पर अतिशेष लिस्ट बनाया जा रहा है, प्रतिनियुक्ति में देखा जा रहा है कि जो शिक्षक प्रतिनियुक्ति ले कर आत्मानंद स्कूल में आए है उनका सैलरी उनके मूल पदस्थापना से आहरण हो रही है और इस से स्पष्ट होता है कि वह टीचर दो संस्था में दो पद के साथ छेड़छाड़ कर रहे है ,ऐसे प्रतिनियुक्ति वाले शिक्षक को पहले मूल पदस्थापना में भेजना चाहिए, कई सीनियर शिक्षक को उनके मूल पदस्थापना से इसलिए हटाया जा रहा है क्योंकि वहां पर अतिथि शिक्षक उस पद को धारण किए हुए है ! कहने का मतलब ये हुआ कि जो उस संस्था के मूल कर्मचारी है उनको हटा कर प्रतिनियुक्ति या अतिथि शिक्षक को वैल्यू देना गलत है जबकि नियमानुसार समान अधिकार के तहत अतिशेष उस संस्था में जॉइनिंग डेट को ध्यान में रख कर करनी चाहिए !