बेल होनी थी नितेश की, छूट गया नितिश…, घरवाले पहुंचे जेल तो खुला राज:गिरफ्तार हुआ तो बताई पूरी कहानी
Nitish was supposed to be granted bail, but he was released..., when his family members reached the jail, the secret was revealed: When he was arrested, he told the whole story

हरियाणा/बल्लभगढ़- कोर्ट से मिले जमानती आदेश पर मिलते-जुलते नाम का फायदा उठाकर जिला जेल से रिहा हुए पॉक्सो के बंदी नितिश पांडे को सेंट्रल क्राइम ब्रांच की टीम उसके कल्याणपुरा गांव, पटना, बिहार से गिरफ्तार करके ले आई।
पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने उसे जिला जेल नीमका भेज दिया। यह बता दें कि सेक्टर-58 थाना में साल 2021 के दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट की धारा के तहत नितिश पांडे पुत्र रविंद्र पांडेय के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था और पुलिस की पकड़ में आने के बाद से वह नीमका जेल में बंद था।
ओल्ड फरीदाबाद थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली शास्त्री कॉलोनी का रहने वाला नितेश पुत्र रविंद्र नामक एक और बंदी भी जेल में बंद था। नितेश के खिलाफ मारपीट करने का मामला था।
मारपीट के आरोपी को करना था रिहा
मारपीट के आरोप में बंदी नितेश को 26 मई 2025 को चीफ ज्यूडिशयल मजिस्ट्रेट उपेंद्र सिंह की कोर्ट ने जमानत पर छोड़ने के आदेश जारी किए थे। कानूनी प्रक्रिया के तहत यह आदेश जेल प्रशासन को मिले।
इधर जेल प्रशासन ने नितेश को छोड़ने की बजाय उसके मिलते जुलते नाम वाले नितिश को छोड़ दिया। नितेश यहां सेक्टर-58 में राजीव कॉलोनी में रह रहा था और मूल रूप से बिहार के पटना के कल्याणुपरा क्षेत्र थाना पालीगंज का निवासी है।
दोनों के पिता का नाम भी एक ही था
इधर जब नितेश निवासी शास्त्री कॉलोनी के स्वजन जब जेल पहुंचे और उसकी रिहाई की बाबत पूछताछ की, तब जाकर मामले का भंडाफोड़ हुआ कि नितेश की जगह नितिश बाहर निकल गया है। दोनों के नाम मिलते जुलते हैं, साथ में दोनों के पिता का नाम भी रविंद्र है।
उसके बाद जेल प्रशासन की ओर से थाना सदर में शिकायत देकर नितिश पांडे पुत्र रविंद्र निवासी कल्याणपुरा, पटना के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया।
इस मामले की जांच तिगांव के सहायक पुलिस आयुक्त अशोक वर्मा की देख-रेख में चल रही थी। एसीपी ने फरार हुए नितिश की तलाश करने के लिए विभिन्न टीमों का गठन किया था।
ऐसे की थी प्लानिंग
आरोपित की गिरफ्तारी को लेकर सेंट्रल क्राइम ब्रांच की टीम बिहार गई थी। जो नितिश पांडे को उसके गांव से गिरफ्तार करके ले आई।
आरोपित नितिश पांडे ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसे पता था कि नितेश पुत्र रविंद्र निवासी शास्त्री कॉलोनी की मारपीट के मामले में जमानत होनी है। जब बंदियों की पुकार हुई तो नितेश मौके पर नहीं था।
नितिश ने अपना नाम नितेश बताया और जेल से रिहा को बाहर निकल गया। जेल विभाग के महानिदेशक मोहम्मद अकील ने इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में सहायक अधीक्षक जेल मोहनलाल, उप सहायक प्रदीप त्यागी, हवलदार राजेंद्र और दो वार्डन संजीव व राजेश शामिल निलंबित कर दिया।