आदेश के बाद भी जमे हुए है कुर्शी पर आरोपो से घिरे जिला चिकित्सा अधिकारी,विधानसभा सभा में उठ चुकी है साहब के क्रियाकलापों पर सवाल,ऐसा क्या मोह कुर्सी का जो आदेश से परे ?कोंडागांव
Even after the order, the District Medical Officer surrounded by allegations is still sitting on his chair, questions have been raised in the Legislative Assembly on the activities of the officer, what is the attachment to the chair that it is beyond the order? Kondagaon,

कोंडागांव दीपक वैष्णव- कोंडागांव में पदस्थ स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी रामकेश्वर सिंह कुशवाहा जिन्हें अब कार्यलय की कुर्सी का मोह इतना भाया की अब ये कुर्सी इन्हें अपने घर की कुर्शी जैसे लगने लगा है, और अगर इनका प्रशानिक स्तर पर तबादला भी होता है तो साहब इधर उधर नही देखते सबसे पहले हाई कोर्ट का रुख लेते है और कुर्सी में जमे रहने के लिए तबादले की आदेश पर अदालती रोक लग जाए इसकी भरपूर कोशिश में भी रहते है,सूत्रों की माने तो ये अफसर कुछ जनप्रतिनिधियों के रसूक का इस्तेमाल करवाने में भी माहिर है, ताकि वे अपने पुराने जिले और पद में रहकर भ्रस्टाचार कि आशंकाओ की बिंदुओ को सच साबित कर रही है,स्थानीय जानकारों की माने तो थोड़े दिन पहले ही रायपुर से एक जांच दल ने भी इनके कार्यालय में दबिश दिया था जिनके द्वारा इनके कार्यालय अंदर से ताला लगा कर दोपहर से रात होते तक पूरे दस्तवेज खंगालते रहे जिससे आम लोगो मे ये चर्चा बना हुआ है कि इस जांच का असर भी जल्द ही सामने आएगा,पूर्व में कोंडागांव विधायक सुश्री लता उसेंडी द्वारा विधानसभा सत्र में इन अफसर के कार्यशैली पर भी सवाल लगाया था किन्तु अब तक जिम्मेदारो द्वारा कोई जवाब नही दिया गया था,
हाल ही में इस हुए बड़ी संख्या में राष्ट्रीय स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण विभाग द्वारा भर्ती में भी साहब का अच्छा खासा लाभ जुड़ा रहा जो ये साबित करता है कि आखिर इस कुर्सी से इतना ज्यादा मोह क्यो रहा है, भी बता दे कि हाई कोर्ट ने साफ साफ इनके स्टे को मंजूरी से अमान्य बता दिया है
सूत्रों का कहना है की अब तक कुर्सी पर डांटे रहना किसी बड़े सफेद पोशाक के स्तर तक के व्यक्ति का इन साहब के सर पर हाथ लग रहा है,अब देखना यह होगा कि आखिर कब तक इन सवालों पर उंगलियां उठती रहेंगी,और आखिर कब कोंडागांव की जनता को मिलेगा इन सवालों का जवाब,