अजीत जोगी की प्रतिमा विवाद पर लगा विराम: प्रशासन ने स्थल को घोषित किया विवादित,अमित जोगी बोले,शासन की नियत पर संदेह है
Ajit Jogi's statue controversy put to rest: Administration declared the site as disputed, Amit Jogi said, there is doubt on the intention of the government

गौरैला पेण्ड्रा मरवाही/संजय सिंह
पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी की प्रतिमा विवाद पर फिलहाल विराम लग गया है।
प्रशासन और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के अध्यक्ष अमित जोगी एवं उनके समर्थकों के बीच लिखित सहमति के बाद प्रतिमा को अस्थायी रूप से प्रशासन की निगरानी में उसी स्थल पर सुरक्षित रूप से रखा गया है, जहां पहले मूर्ति स्थापित थी।
“स्वर्गीय अजीत जोगी जी की प्रतिमा पूर्व में बिना वैधानिक अनुमति के स्थापित की गई थी। नगर पालिका परिषद गौरेला की आपत्ति के बाद, यह स्थल विवादित घोषित कर दिया गया है। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि “छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 2003 में महापुरुषों की प्रतिमाओं के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों और 1998 के परिपत्र के अंतर्गत नियमों का पालन करते हुए ही किसी भी प्रतिमा की स्थापना हो सकती है। हम इसी प्रक्रिया को पूरा करने की दिशा में काम कर रहे हैं।”
प्रशासन का यह भी कहना है कि मूर्ति को मरम्मत की आवश्यकता थी, इसलिए उसे उठाकर संरक्षित करने की प्रक्रिया चल रही थी।
स्थायी पुनर्स्थापना नियमों के अनुसार ही की जाएगी।
ऋचा चंद्राकर एसडीएम पेंड्रा रोडइस पूरे विवाद पर अमित जोगी ने कहा कि “तीन दिन बाद मेरे पिता की पांचवीं पुण्यतिथि है। ऐसे समय में मैं नहीं चाहता कि विवाद और बढ़े। इसलिए शांति बनाए रखने हेतु लिखित सहमति पर हस्ताक्षर किया गया है।”
हालांकि उन्होंने प्रशासन की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा “कल तक जो प्रतिमा चोरी के बाद प्रशासन स्वयं लगाना चाहता था, वह आज अचानक विवादित कैसे हो गई – ये समझ से परे है।”
अमित जोगी ने दो टूक कहा “मैं प्रशासन की कार्रवाई से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हूं, परंतु इस पवित्र अवसर पर शांति भंग नहीं होने देना चाहता।”
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि मूर्ति की मरम्मत कब तक पूरी होती है
स्थायी पुनर्स्थापना की प्रक्रिया किस दिशा में बढ़ती है