सूरजपुर में युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में शिक्षा विभाग की धांधली ने पार की सारी हदें, पर्दे के पीछे से संशोधन का खेल शुरू विवादित जिला शिक्षा अधिकारी का एक और कारनामा उजागर
The Education Department's fraud in the rationalization process in Surajpur crossed all limits, the game of amendments started behind the scenes Another act of the controversial District Education Officer exposed

सूरजपुर/कौशलेन्द्र यादव –शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी और न्यायसंगत बनाने के लिए चलाए जा रहे युक्तियुक्तिकरण अभियान को सूरजपुर जिले में मज़ाक बना दिया गया है। विवादों में घिरी जिला शिक्षा अधिकारी भारती वर्मा एक बार फिर चर्चाओं में हैं। पदस्थापना को लेकर चुपचाप खेले जा रहे संशोधन के खेल ने पूरे जिले के शिक्षकों में भारी आक्रोश फैला दिया है । हाल ही में काउंसलिंग प्रक्रिया के तहत पूनम सिंह, सहायक शिक्षक को प्राथमिक शाला चिटकाहीपारा रामानुजनगर तथा श्रीमती विद्यावती सिंह को प्राथमिक शाला पंडोपारा रामानुजनगर पदस्थ किया गया था। दोनों ने नियमित रूप से अपना कार्यभार भी ग्रहण कर लिया था। लेकिन अब आपसी सहमति की आड़ में इनकी पदस्थापना आपस में चुपचाप संशोधित कर दी गई ,वह भी बिना किसी आधिकारिक घोषणा के।
प्रश्न यह उठता है कि क्या आपसी सहमति केवल चुनिंदा शिक्षकों के लिए आरक्षित है ? जिले की सैकड़ों महिला शिक्षकाएँ, जो अपने घर से 50 से 150 किलोमीटर दूर पदस्थ कर दी गई हैं, आज भी संशोधन की आस में टकटकी लगाए बैठी हैं,लेकिन उन्हें यह सुविधा क्यों नहीं मिल रही ? जिले के शिक्षकों ने इस फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि यदि कार्यालय में पदस्थापना संशोधन का ऐसा ही खेल चलता रहा, तो जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को रेट लिस्ट भी कार्यालय के बाहर चस्पा कर देनी चाहिए,ताकि सभी शिक्षक बिना संकोच और भय के इस सुविधा का लाभ उठा सकें। शिक्षकों का कहना है कि पदस्थापना संशोधन के आदेशों को छिपाकर जारी किया जा रहा है,
जिससे पूरे जिले में पारदर्शिता और न्याय की भावना को गहरा आघात पहुंच रहा है। अब सवाल यह है ,क्या सूरजपुर में शिक्षक पदस्थापना व्यवस्था की बोली लग रही है ? क्या जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय संशोधन बाजार में तब्दील हो चुका है ? या फिर यह सिर्फ चंद चुनिंदा शिक्षकों के लिए ही विशेष दरवाजा खोलता है ? प्रदेश स्तर पर इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की माँग जोर पकड़ रही है।