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PF : नौकरी छोड़ने पर जमा पैसों का क्या होता है, खाता तो बंद नहीं होता, जानिए नियम

आप जब भी किसी कम्पनी से नौकरी को छोड़ किसी दूसरी कम्पनी में नौकरी जॉइन करते हैं तो आपका उस कम्पनी में नया पीएफ खाता बनता हैं। लेकिन आपका यूएएन नंबर कभी नही बदलता हैं और हमेशा ये खाता संख्या रहती हैं। मगर आपने कभी सोचा है कि उन पीएफ खाते का क्या होता हैं। जब भी आप किसी एक कम्पनी से नौकरी को छोड़कर किसी और कम्पनी को जॅाइन कर लेते हैं। जब भी आप किसी नयी जगह पर जॅाइन करते हैं तो नियम के अनुसार अपने पुराने ईपीएफ खाते को नई कंपनी में ट्रांसफर करा लें। यदि ऐसा नहीं होता हैं तो आपको भविष्य में बहुत नुकसान उठाना पड़ सकता हैं।

36 महीने पैसे जमा नहीं करने पर खाता बंद हो जाता हैं

यदि किसी ईपीएफओ खाते में लगातार 36 महीनों तक पैसा जमा न हो तो वो खाता बंद हो जाता है। उस खाते को इन ऑपरेटिव खाता मान लिया जाता है। मान लीजिए आपने किसी नई कंपनी में नौकरी ज्वाइन कर ली मगर आपने अपना ईपीएफओ अकाउंट नई कंपनी में ट्रांसफर नहीं करा पाए। ऐसी स्थिति में उस अकाउंट में पैसे जमा नहीं हो पाते है और ऐसी ही समस्या 36 महीनों तक चलती रहती है तो उस खाते को इनऑपरेटिव मान लिया जाता है। हालांकि वो आपने यूएएन की तहत ही रहता है। मगर उसमे पैसे नहीं आते है। इसलिए वो खाता बंद हो जाता है। ऐसी ही स्थिति में आपका खाता बहुत बहुत वर्षो तक ऐसे ही पड़ा रहता है। अब आप ही जोड़ ले की आपने कितनी नौकरी बदली और आपके कितने खाते बंद पड़े हुए है।

खाता तुरंत ट्रांसफर करा लें सरकार ने लोगों की सहूलियत को देखते हुए कुछ खास नियम बनाएं है। खाता किन स्थिति में इनऑपरेटिव हो सकता है। आप आपकी नौकरी बदलते ही अपना खाता ट्रांसफर कर ले इससे बचने का एक यही उपाय है। यदि आप उन पैसों को बाद में निकलते है तो आपको टैक्स भी देना पड़ सकता है। आज के समय में सभी काम बहुत आसान हो गया है। आप घर पर बैठ कर आसानी से खाते को ट्रांसफर कर सकते है। आप सरकार द्वारा बनाएं गए उन नियमों का पालन करें जो आपके हित के लिए बनाएं गए है। नियमों के अनुसार, ईपीएफओ बैलेंस के लिए यदि कोई व्यक्ति आवेदन नहीं देता है तो उसे इन ऑपरेटिव मान लिया जायेगा। चार नियमों को इनके अंर्तगत बनाएं गए हैं। 1. किसी भी कंपनी से रिटायर होने के बाद 36 महीने से लेकर 55 वर्ष की आयु होने तक कोई ईपीएफ बैलेंस निकालने के लिए आवेदन नहीं करें तो अकाउंट बंद हो जायेगा। 2. कोई व्यक्ति यदि स्थायी तौर पर विदेश चला जाए और वही रहने लगे। 3. यदि ईपीएफओ अकाउंट होल्डर गुजर जाए। 4. यदि सदस्य अपने रिटायरमेंट का सारा पैसा निकाल ले।

सीनियर सिटीजन वेलफेयर फंड पैसा ट्रांसफर कर दिया जाता है आपको इस बात का ध्यान देना चाहिए कि ईपीएफओ में पड़ा आपका पैसा ब्याज की कमाई करता है। जब तक की सदस्य की आयु 58 वर्ष की न हो जाए। ईपीएफओ का पैसा जिस वर्ष निकाला जाता है। उस वर्ष सदस्य को टैक्स देना होता है। यदि सदस्य टैक्सबल इनकम के अंदर आता है। पीएफ खाते का पैसा यदि 7 वर्ष तक नहीं निकला जाता है तो सीनियर सिटीजन वेलफेयर फंड में उन रुपयों को ट्रांसफर कर दिया जाता हैं। हर वर्ष 30 सितंबर को फंड के बारे में जानकारी दी जाती है। पैसा इस फंड में 25 वर्षो तक रहता है। आप 25 वर्षो के भीतर फंड को क्लेम कर सकते हैं। यदि आप 25 वर्षो के अंदर इस फंड को क्लेम नहीं करते है तो ये पैसा भारत सरकार के पास चला जाता है।

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