बेटियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा की अनोखी पहल – एनीमिया मुक्त भारत के लिए ‘रक्त शक्ति महा अभियान’ की जिले में ऐतिहासिक शुरुआत:गौरैला पेंड्रा मरवाही
Unique initiative for the health and safety of daughters – Historical start of ‘Rakt Shakti Maha Abhiyan’ for anemia free India in the district: Gaurela Pendra Marwahi

गौरेला पेंड्रा मरवाही/संजय ठाकुर: छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में आज महिलाओं के स्वास्थ्य को समर्पित एक ऐतिहासिक पहल की गई। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और एनीमिया मुक्त भारत के लक्ष्य को लेकर जिला प्रशासन ने 26 जून को ‘रक्त शक्ति महा अभियान’ की शुरुआत की। कलेक्टर श्रीमती लीना कमलेश मांडवी के निर्देशन में इस महाअभियान की शुरुआत कलेक्ट्रेट कार्यालय से हुई, जहां खुद कलेक्टर एवं महिला अधिकारियों ने एनीमिया जांच कराकर प्रेरणादायी संदेश दिया है”
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही ज़िले में महिलाओं की सेहत को प्राथमिकता देते हुए प्रशासन ने 26 जून को “रक्त शक्ति महा अभियान” के रूप में एक नया इतिहास रचने प्रयास रत है, इस अभियान के अंतर्गत 13 से 45 वर्ष आयु वर्ग की लगभग 65,000 महिलाओं का हीमोग्लोबिन (HB) टेस्ट किया जा रहा है।
जांच के लिए 218 गांवों और 12 शहरी केंद्रों सहित कुल 230 स्थानों पर मेडिकल टीमें तैनात की गई हैं। इस अभियान की शुरुआत सुबह 9 बजे जिला कलेक्ट्रेट से हुई। स्वयं कलेक्टर श्रीमती लीना कमलेश मांडवी, अतिरिक्त कलेक्टर नम्रता डोंगरे, एसडीएम रिचा चंद्राकर और अन्य महिला अधिकारियों ने जांच करवाई
सुशासन त्योहार के दौरान हुई जांच में यह सामने आया कि जिले की बड़ी संख्या में महिलाएं एनीमिया से ग्रसित हैं। लेकिन सटीक डेटा की कमी के चलते उचित स्वास्थ्य उपाय नहीं हो पा रहे थे।”पिछली बार पूरे महीने भर में 2500 महिलाओं की ही जांच हो पाई थी। इसलिए इस बार इसे अभियान का रूप देकर एक ही दिन में पूरे जिले में व्यापक स्तर पर जांच सुनिश्चित की गई है।
अमित सिन्हा ( जिला महिला बाल विकास अधिकारी)
जिले में पहली बार इस स्तर पर महिलाओं की स्वास्थ्य जांच की जा रही है। हमारा उद्देश्य है कि एनीमिया मुक्त भारत अभियान को मजबूती मिले और बेटियों का स्वास्थ्य बेहतर हो।”यह कार्यक्रम महिला एवं बाल विकास विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग को क्लब करके आयोजित किया जा रहा है,इस अभियान को महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त प्रयास से संचालित किया जा रहा है। इसके लिए ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में विशेष जांच केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें बड़े स्कूल, पंचायत भवन और स्वास्थ्य उपकेंद्र शामिल हैं…
कलेक्टर श्रीमती लीना कमलेश मांडवी
कलेक्टर ने सभी महिला अधिकारियों-कर्मचारियों, मीडिया प्रतिनिधियों एवं जनप्रतिनिधियों से इस अभियान में सक्रिय सहभागिता की अपील की है।
साथ ही संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने अधीनस्थ अमले की ड्यूटी जांच केंद्रों पर लगाएं, ताकि शत-प्रतिशत जांच सुनिश्चित हो सके।
“रक्त शक्ति महा अभियान” सिर्फ एक स्वास्थ्य जांच नहीं, बल्कि बेटियों की सुरक्षा और सम्मान का उत्सव है। जिले के इस अभूतपूर्व प्रयास से यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में गौरेला-पेंड्रा-मरवाही एनीमिया मुक्त ज़िले की मिसाल बनकर उभरेगा।