सावन के पहले सोमवार पर जलेश्वर महादेव में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब — नर्मदा जल से किया गया भगवान शिव का जलाभिषेक

On the first Monday of Sawan, a flood of devotees gathered at Jaleshwar Mahadev - Lord Shiva was anointed with Narmada water

 

जीपीएम/संजय ठाकुर:- सावन मास का पावन आरंभ हो चुका है और आज सावन का पहला सोमवार है। इस अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश सीमा पर स्थित पौराणिक एवं आध्यात्मिक स्थल जलेश्वर महादेव में उमड़ पड़ी। अमरकंटक की पवित्र तराई में स्थित यह शिवधाम शिवभक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है, जहां हजारों श्रद्धालु जल चढ़ाकर भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं।

जलेश्वर महादेव मंदिर का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व अत्यंत विशिष्ट है। स्कंद पुराण में इसका उल्लेख स्पष्ट रूप से मिलता है और इसे बाणलिंग के रूप में पूजित माना गया है। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव स्वयं इस स्थान पर प्रकट हुए और उन्होंने इस शिवलिंग की स्थापना की थी। यही कारण है कि सावन माह में यहां दर्शन करने का विशेष महत्व है।

अमरकंटक से निकलने वाली विश्व की पवित्र नदियों में से एक मां नर्मदा के उद्गम स्थल से श्रद्धालु कलश में जल भरकर जलेश्वर महादेव मंदिर पहुंचते हैं और शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं। भक्तों की मान्यता है कि सावन के सोमवार को यहां जल चढ़ाने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और भगवान शंकर विशेष कृपा बरसाते हैं।

सावन के पहले सोमवार को लेकर आज सुबह से ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखी गईं। महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और युवा सभी शिवभक्ति में लीन नजर आए। मंदिर तक पहुंचने वाले मार्गों पर सुरक्षा और सुविधा की व्यापक व्यवस्था की गई है। छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं ताकि कोई अव्यवस्था न हो।

गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के पर्यटन विभाग द्वारा यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। रुकने, स्नान, जल संग्रह और भोजन की उचित व्यवस्था की गई है। विशेष शिविरों की स्थापना कर भंडारे और जलपान केंद्र संचालित किए जा रहे हैं, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।

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