सावधान! आपके प्रॉपर्टी पर कब्जा न कर ले किरायेदार, जानिए कानून से लेकर बचने के उपाय तक सबकुछ

Be careful! Your tenant should not take over your property, know everything from the law to ways to avoid it

रायपुर डेस्क: क्या आपने कभी सोचा कि आपका किरायेदार, जिसे आपने बड़े भरोसे से अपना मकान सौंपा, एक दिन उस पर अपना हक जता सकता है? ये सुनने में फिल्मी लगता है, लेकिन भारत में प्रॉपर्टी कानून में कुछ ऐसे नियम हैं जो किरायेदार को यह मौका दे सकते हैं। आइए जानते हैं कि कितने साल बाद किरायेदार आपके मकान पर दावा कर सकता है, क्या है नियम, और कैसे रहें सुरक्षित।

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सावधान! आपके फ्लैट पर कब्जा न कर ले किरायेदार, जानिए कानून से लेकर बचने के उपाय तक सबकुछ
Tenant Claim Ownership on Flat: क्या आप भी अपना घर बिना किसी रेंट एग्रीमेंट के किराए पर देते हैं तो सावधान हो जाइए। आज हम आपको एक ऐसे नियम के बारे में बताने वाले है, जिसके तहत किरायेदार आपके घर पर मालिकाना हक जमा सकता है…
Anuj Shrivastava
पब्लिश्ड14 May 2025, 03:46 PM IST
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क्या किरायेदार कानूनी तौर पर कर सकता है आपके घर पर कब्जा?
क्या किरायेदार कानूनी तौर पर कर सकता है आपके घर पर कब्जा?(HT)
क्या आपने कभी सोचा कि आपका किरायेदार, जिसे आपने बड़े भरोसे से अपना मकान सौंपा, एक दिन उस पर अपना हक जता सकता है? ये सुनने में फिल्मी लगता है, लेकिन भारत में प्रॉपर्टी कानून में कुछ ऐसे नियम हैं जो किरायेदार को यह मौका दे सकते हैं। आइए जानते हैं कि कितने साल बाद किरायेदार आपके मकान पर दावा कर सकता है, क्या है नियम, और कैसे रहें सुरक्षित।

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क्या है वो कानूनी नियम?
अगर कोई किराएदार 12 साल तक किसी प्रॉपर्टी पर शांतिपूर्ण, खुले, और बिना रुकावट के किसी घर में रह रहा है तो वो Adverse Possession के तहत उसपर कब्जे का दावा कर सकता है। हालांकि किरायेदार को ये साबित करना होगा कि उसका कब्जा लगातार था और मकान मालिक ने कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की।

लेकिन घबराइए नहीं! अगर आप मकान मालिक हैं तो इस स्थिति से बचना आसान है। सबसे जरूरी है रेंट एग्रीमेंट बनवाना। यह एग्रीमेंट आमतौर पर 11 महीने का होता है, और इसे समय-समय पर रिन्यू करते रहना चाहिए। ऐसा करने से किराएदार का लगातार कब्जा कानूनी रूप से टूटता रहता है, और वो दावा नहीं कर सकता।

मकान मालिक कैसे बचे?
हमेशा लिखित रेंट एग्रीमेंट बनवाएं।
11 महीने बाद एग्रीमेंट रिन्यू करें।
किराएदार को घर देने से पहले उसका वैरिफिकेशन करें।
प्रॉपर्टी की नियमित निगरानी करें।
किसी भी विवाद में वकील की सलाह लें।
‘बता दें कि Adverse Possession एक कानूनी प्रक्रिया है, लेकिन यह तभी लागू होती है जब किराएदार ने सभी शर्तों को पूरा किया हो और मालिक ने कोई कानूनी कदम न उठाया हो। इसलिए मकान मालिकों को अपनी संपत्ति को किराए पर देने से पहले सभी कानूनी पहलुओं को समझना चाहिए, ताकि भविष्य में किसी भी विवाद से बचा जा सके।

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