प्रकाश इंडस्ट्रीज और एसआईजी ग्रुप में श्रमिकों का शोषण, वेतन भुगतान में देरी, मूलभूत सुविधाओं का अभाव:सुरजपुर
Exploitation of workers in Prakash Industries and SIG Group, delay in salary payment, lack of basic facilities: Surajpur

सूरजपुर कौशलेन्द्र यादव- जिले के भास्करपारा स्थित प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड और एसआईजी ग्रुप में कार्यरत सैकड़ों श्रमिकों और कर्मचारियों के सामने गंभीर समस्याएं खड़ी हो रही हैं। इन कंपनियों में काम करने वाले श्रमिकों को न केवल वेतन भुगतान में देरी का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि भीषण गर्मी में मूलभूत सुविधाओं जैसे पीने का पानी, छाया और विश्राम स्थल तक का अभाव है। श्रमिकों का आरोप है कि कंपनियां श्रमिक अधिनियम का उल्लंघन करते हुए भुगतान उनके सामान्य बैंक खातों में कर रही हैं, जो नियमों के खिलाफ है। कुलमिलाकर यहां पर कार्यरत श्रमिकों ने मांग की है कि कंपनियां समय पर वेतन भुगतान सुनिश्चित करें और काम के दौरान मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराएं। साथ ही, उन्होंने प्रशासन से इस मामले में हस्तक्षेप करने और उनकी समस्याओं का समाधान करने की अपील की है। यह मामला न केवल श्रमिकों के अधिकारों का हनन दर्शाता है, बल्कि औद्योगिक क्षेत्र में श्रमिक कल्याण की अनदेखी को भी उजागर करता है। यदि समय रहते इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो श्रमिकों में आक्रोश और गहरा सकता है।
प्रकाश इंडस्ट्रीज में करीब 100-150 कर्मचारी, दैनिक वेतनभोगी भी शामिल
प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड के भास्करपारा प्लांट में करीब 100 से 150 कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें दैनिक वेतनभोगी और अनियमित कर्मचारी शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, इन कर्मचारियों को विभिन्न कार्यों जैसे माइंस और मैदानी क्षेत्रों में तैनात किया जाता है। लेकिन, भीषण गर्मी में काम करने वाले इन कर्मचारियों के लिए न तो ठंडे पानी की व्यवस्था है और न ही उचित विश्राम स्थल। कर्मचारियों का कहना है कि लंबे समय तक खुले मैदान में काम करने के बावजूद कंपनी प्रबंधन उनकी मूलभूत जरूरतों की अनदेखी कर रहा है। वहीं खनन कार्य कर रही
एसआईजी ग्रुप में कार्यरत 250 से 300 श्रमिकों की स्थिति भी चिंताजनक है। इन श्रमिकों को विभिन्न कार्य आबंटित हैं, लेकिन वेतन भुगतान में लगातार देरी हो रही है। सूत्रों का दावा है कि कई श्रमिकों को महीनों तक वेतन के लिए इंतजार करना पड़ता है। इस मुद्दे को लेकर श्रमिकों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से शिकायत भी की थी, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। श्रमिकों का कहना है कि उनकी मेहनत का उचित पारिश्रमिक समय पर नहीं मिल रहा, जिससे उनके परिवारों का भरण-पोषण मुश्किल हो गया है।
श्रमिक अधिनियम का उल्लंघन, सामान्य खातों में भुगतान
श्रमिकों ने यह भी खुलासा किया है कि एसआईजी ग्रुप द्वारा उनका वेतन उनके सामान्य बैंक खातों में जमा किया जा रहा है, जो श्रमिक अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन है। श्रमिक अधिनियम के तहत, श्रमिकों के वेतन का भुगतान विशेष खातों में किया जाना चाहिए, ताकि उनकी सामाजिक सुरक्षा और अन्य लाभ सुनिश्चित हो सकें। इस अनियमितता ने श्रमिकों में आक्रोश को और बढ़ा दिया है।
मूलभूत सुविधाओं का अभाव, श्रमिकों में नाराजगी
गर्मी के इस मौसम में, जब तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर रहा है, श्रमिकों को बिना किसी सुविधा के खुले मैदानों और माइंस में काम करना पड़ रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि न तो पीने के लिए ठंडा पानी उपलब्ध है और न ही गर्मी से बचने के लिए कोई छायादार स्थान। कई श्रमिकों ने बताया कि लंबे समय तक धूप में काम करने से उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों की चुप्पी, श्रमिकों में आक्रोश
श्रमिकों ने अपनी समस्याओं को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई थी, लेकिन उनकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। एक श्रमिक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हमारी सुनने वाला कोई नहीं है। न कंपनी प्रबंधन ध्यान देता है और न ही स्थानीय प्रशासन। हम मेहनत करते हैं, लेकिन बदले में हमें सिर्फ आश्वासन मिलता है।”
खामोश है क्यों श्रम विभाग…?
इस मामले में श्रम विभाग के अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन कोई आधिकारिक बयान नहीं मिल सका। जानकारों की माने तो यदि कंपनियां श्रमिक अधिनियम का उल्लंघन कर रही हैं, तो श्रमिकों को कानूनी सहायता लेनी चाहिए। वे श्रम विभाग या स्थानीय अदालत में शिकायत दर्ज कर सकते हैं, जिसके तहत उन्हें बकाया वेतन और अन्य लाभ मिल सकते हैं