सर्पदंश से सतर्क रहें, झाड़-फूंक नहीं इलाज कराएं – स्वास्थ्य विभाग की एडवाइजरी जारी
Be cautious of snakebite, do not resort to black magic and seek treatment – Health Department issues advisory

सूरजपुर कौशलेन्द्र यादव । बरसात के मौसम में सर्पदंश की घटनाएं तेजी से बढ़ जाती हैं। नमी और पानी के कारण सांप अपने बिलों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थान की तलाश में अक्सर घरों तक पहुंच जाते हैं। इस दौरान लोगों को काटे जाने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
स्वास्थ्य विभाग ने जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदंश के मामलों को लेकर एडवाइजरी जारी की है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कपिल देव पैकरा ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी बड़ी संख्या में लोग झाड़-फूंक और टोनही-टोना पर भरोसा करते हैं, जिससे समय पर इलाज न मिलने के कारण सर्पदंश पीड़ितों की मृत्यु हो जाती है।
डॉ. पैकरा ने स्पष्ट किया कि झाड़-फूंक से किसी की जान नहीं बचाई जा सकती। अधिकतर मामलों में जब पीड़ित मरणासन्न स्थिति में अस्पताल लाया जाता है, तब चिकित्सक भी उसे नहीं बचा पाते। उन्होंने बताया कि जिला चिकित्सालय और ब्लॉक स्तर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में एंटी स्नेक वेनम दवाएं निःशुल्क उपलब्ध हैं।उन्होंने जिलेवासियों से अपील की है कि सर्पदंश की स्थिति में तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचें और बिना किसी देरी के इलाज लें।
सर्पदंश से बचने के बताए उपाय
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ कपिल देव पैकरा ने कहा कि अगर आप घर से बाहर जा रहे हैं और उस क्षेत्र में पर्याप्त रोशनी नहीं है, तो अपने साथ टार्च अवश्य रखें तथा जूते अवश्य पहनें। घरों में समुचित प्रकाश की व्यवस्था बनाए रखें। घरों में कूड़े करकट का ढेर लगाकर न रखें। जमीन में ना सोए शयन कक्ष में भोजन सामग्री, धान आदि न रखें, ताकि चूहे का आना कम हो। आपके पड़ोस या आस-पास के इलाके में सांप के काटने की स्थिति में घबराएं नहीं, घबराने से हृदय गति बढ़ सकती है और सर्पदंश के शिकार व्यक्ति के लिए यह घातक साबित हो सकता है, क्योंकि इससे विष तेजी से पूरे शरीर में फैल सकता है। सर्पदंश वाली जगह के उपरी हिस्से को कपड़ा या रस्सी से न बांधे। अधिकांश परिस्थितयों में बेहदा हानिकारक हो सकती है। सांप के काटने वाली जगह पर कुछ भी बाँधने से उपचार के लिए हटाये जाने पर विष का तेजी से असर हो सकता है। सर्पदंश से प्रभावित अंग को हिलाए डुलाएं नहीं । हिलाने-डुलाने से शरीर के अन्य अंगों में जहर तेजी से फैल सकता है। सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति को काटने वाली जगह के आसपास काटे और जलाएं नहीं। झोला छाप चिकित्सक या झाड़-फूक के पास न जावें।