विश्रामपुर में मारपीट व हत्या का प्रयास का मामला,आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने से पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

Case of assault and attempted murder in Vishrampur, questions raised on police functioning due to non-arrest of the accused

 

सूरजपुर, कौशलेन्द्र यादव/जिले के विश्रामपुर थाना क्षेत्र में मारपीट और हत्या के प्रयास का सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। चार दिन पहले मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने सामान्य धाराओं के तहत दर्ज मामले में अंततः हत्या के प्रयास की धारा जोड़ी, लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी में कथित तौर पर ढिलाई बरत रही है। कुलमिलाकर जनचर्चा में
विश्रामपुर में मारपीट, हत्या के प्रयास की घटना कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़े कर रहे हैं। इसके साथ ही पुलिस की सुस्ती और संरक्षण के आरोपों ने जनता का विश्वास डगमगाया है। अब देखना यह है कि पुलिस इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।

*मोटरसाइकिल से कुचलने की कोशिश, पीड़ित गंभीर आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने पर खड़े होते सवाल*

जेएमक्यू कॉलोनी, वार्ड नंबर 14, पउवापारा, विश्रामपुर निवासी विकेश कुमार सिंह पिता विश्वनाथ सिंह ने थाना विश्रामपुर को शिकायत करते हुए बताया कि 2 मार्च 2025 की रात करीब 10 से 11:00 बजे के बीच, वह अपने दोस्त दीपक के साथ रघुनंदन की किराना दुकान पर सामान लेने जा रहा था। तभी मुकुल पाण्डेय पिता अश्वनी पांडे उम्र 24 वर्ष और रमेश कुजूर उर्फ झिरगु (25), दोनों स्थानीय निवासी, काले रंग की स्प्लेंडर मोटरसाइकिल पर सवार होकर आए। शराब के नशे में धुत दोनों ने विकेश को मां-बहन की गंदी गालियां दीं और जान से मारने की धमकी देते हुए मोटरसाइकिल से कुचलने की कोशिश की। विकेश के अनुसार, वह गिर गया, लेकिन आरोपियों ने दोबारा मोटरसाइकिल चढ़ाकर उसके बाएं पैर में गंभीर चोट पहुंचाई। दोस्त दीपक के चिल्लाने पर आरोपी भाग गए। विकेश को प्राथमिक उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, विश्रामपुर ले जाया गया, जहां से उसे जिला अस्पताल, सूरजपुर रेफर किया गया। वहां से सुविधाओं के अभाव में प्राची मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल ले जा कर ऑपरेशन करवाना पड़ा, जहां उनके पैर में रॉड डाली गई। 13 मार्च 2025 को विकेश ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी इसके पश्चात हाल ही में 5 दिन पूर्व मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद रिपोर्ट गंभीर किस्म की चोट का जिक्र होने से हत्या के प्रयास की धारा 109 एवं 117 बीएनस की जोड़ी गई है,, लेकिन अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई।विकेश के मामले में पुलिस की शुरुआती लापरवाही और आरोपियों की गिरफ्तारी में देरी ने स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है। क्षेत्र में बढ़ते अपराध और पुलिस की कथित मिलीभगत की शिकायतें आम हो रही हैं। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब पुलिस अधीक्षक स्वयं विश्रामपुर में रहते हैं, तब भी अपराध और अवैध कारोबार पर अंकुश क्यों नहीं लग रहा….? उक्त मामले पर विकेश ने पुलिस से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

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