प्रतिमा विवाद: पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी प्रतिमा हुई अनावरण से पहले ही गायब,जोगी कांग्रेस में आक्रोश, स्थल पर उमड़ी भीड़,

Statue controversy: Former Chief Minister Ajit Jogi's statue disappeared before its unveiling, anger in Jogi Congress, crowd gathered at the site,

गौरैला पेण्ड्रा मरवाही/संजय सिंह: जिले के ज्योतिपुर चौराहे पर 29 मई को होने वाला था पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी की आदमकद प्रतिमा का अनावरण। तैयारियां जोरों पर थीं, मंच सजाया जा रहा था, आमंत्रण पत्र वितरित हो चुके थे, लेकिन उससे पहले ही प्रतिमा रहस्यमय ढंग से स्थल से गायब हो गई।
यह घटना जोगी समर्थकों के लिए किसी झटके से कम नहीं रही। प्रतिमा गायब होने की खबर जंगल में आग की तरह फैली और देखते ही देखते जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ता व स्थानीय नागरिक मौके पर एकत्र हो गए।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, मूर्ति को उसके पैरों से तोड़कर बेहद अपमानजनक तरीके से हटाया गया और रात के अंधेरे में नगरपालिका परिसर के पास स्थित एक गंदी जगह पर फेंक दिया गया.
जानकारी के अनुसार, नगर पालिका के सीएमओ ने प्रतिमा स्थापना स्थल को लेकर आपत्ति जताई थी.. हालांकि, इस कार्रवाई से पहले न आयोजकों को सूचना दी गई और न ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था सुझाई गई, जिससे आक्रोश और ज्यादा गहराता जा रहा है।

जोगी कांग्रेस के नेताओं ने इस कार्य को “राजनीतिक षड्यंत्र” करार दिया है। उनका कहना है कि स्व. अजीत जोगी सिर्फ एक राजनीतिक नेता नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ की आत्मा हैं। उनकी मूर्ति का इस तरह से हटाया जाना जनभावनाओं के साथ खुला खिलवाड़ है।

स्थल पर पहुंचे जोगी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और मूर्ति को पुनः स्थापित करने की मांग की जोगी समर्पितों का कहना है कि जोगी जी क्षेत्र के नेता ही नहीं थे बल्कि मरवाही विधानसभा सहित छत्तीसगढ़ की पहचान थे देश भर में अगर क्षेत्र की पहचान थी तो वह अजित जोगी जी के कारण थी ऐसा कोई समाज राजनीतिक दल ना हो जो अजित जोगी से प्रभावित या लाभान्वित ना हुआ हो
चौक चौराहा में सीसीटीवी के फुटेज भी प्राप्त हुए हैं जिसमें स्पष्ट दिखाई पड़ता है कि किसी दुर्भावना पूर्वक रात्रि के अंधेरे में अजीत जोगी की प्रतिमा को चोरी की गई है.. घटना को लेकर क्षेत्र में काफी असंतोष व्याप्त है..


स्थिति को देखते हुए प्रशासनिक अमला भी मौके पर पहुंचा और हालात को काबू में करने का प्रयास कर रहा है। पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर निगरानी बनाए हुए हैं।

वही आपको बता दे हाल ही में प्रतिमा अनावरण को लेकर विवादित स्थिति क्षेत्र में पहले से ही बरकार थी,

चबूतरा, गार्डन बनाने का वर्क आर्डर जारी किया था, प्रतिमा का नहीं : CMO

गौरेला मुख्य नगर पालिका अधिकारी नारायण साहू के अनुसार गौरेला के ज्योतिपुर तिराहे में ठेकेदार को चबूतरा निर्माण और गार्डन बनाने का वर्क आर्डर नगर पालिका ने जारी किया था. प्रतिमा लगाने का कोई वर्क आर्डर जारी नहीं किया गया था. स्थल निरीक्षण के दौरान पाया गया कि वहां ठेकेदार ने अनाधिकृत रूप से पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की प्रतिमा को लगाया है. अप्रैल माह में गौरेला नगर पालिका परिषद की बैठक में इस स्थान पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा लगाए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया था.

घटना ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है और अब यह देखना बाकी है कि प्रशासन इस संवेदनशील मुद्दे पर क्या निर्णय लेता है और जोगी कांग्रेस आंदोलन की दिशा क्या तय करती है।

 

 

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