पण्डोनगर में पण्डो समाज का आक्रोश: बेयर हाऊस गोदाम में नौकरी और सड़क चौड़ीकरण की मांग, आंदोलन की चेतावनी
Pando community's anger in Pandonagar: Demand for jobs in Bear House warehouse and road widening, warning of agitation

सूरजपुर,/कौशलेन्द्र यादव : जिला पंचायत सदस्य नरेंद्र यादव के नेतृत्व में पण्डो जनजाति बाहुल्य ग्राम पंचायत पण्डोनगर के ग्रामीणों ने कलेक्टर महोदय, सूरजपुर को ज्ञापन सौंपकर बेयर हाऊस के गोदाम में नौकरी और सड़क चौड़ीकरण की मांग उठाई है। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी मांगें पूरी न होने पर वे सड़क पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे। उन्होंने बताया कि पण्डोनगर, जहां 95 प्रतिशत आबादी पण्डो समाज की है, जो राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहलाते हैं और अति पिछड़ा आदिवासी वर्ग से आते हैं, वहां बेयर हाऊस का गोदाम संचालित है। ग्रामीणों ने बताया कि गोदाम स्थापना से पहले यह जमीन उनके पास थी, लेकिन पट्टा न होने के कारण प्रशासनिक दबाव में नौकरी देने का आश्वासन देकर उनकी जमीन खाली कराई गई। इसके बावजूद, पण्डो समाज के किसी भी व्यक्ति को गोदाम में रोजगार नहीं मिला, जबकि बाहरी लोगों को वहां काम पर रखा गया है।
इसके साथ ही, पण्डोनगर और पहाड़गांव में स्थित दो बेयर हाऊस गोदामों के बीच सड़क की स्थिति जर्जर है। सिंगल रोड होने के कारण भारी वाहनों की आवाजाही से ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आये दिन हादसे हो रहे हैं, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणों ने मांग की है कि सड़क का चौड़ीकरण तत्काल किया जाए ताकि आवागमन सुगम हो और हादसों पर अंकुश लगे।
जिला पंचायत सदस्य नरेंद्र यादव ने कहा, पण्डो समाज के लोगों के साथ अन्याय हुआ है। उनकी जमीन लेकर गोदाम तो बना लिया गया, लेकिन नौकरी के नाम पर ठगा गया। सड़क की बदहाल स्थिति ने ग्रामीणों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। हमारी मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं तो सड़क पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा।
ग्रामीणों ने कलेक्टर से इस मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों का निराकरण नहीं हुआ तो पण्डो समाज बड़े स्तर पर आंदोलन करेगा। इस ज्ञापन सौंपने के दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे, जिन्होंने अपनी मांगों को लेकर एकजुटता दिखाई।
जिला प्रशासन पर टिकी नजरें
पण्डो समाज की मांगों को लेकर अब सूरजपुर जिला प्रशासन पर सबकी निगाहें टिकी हैं। क्या प्रशासन ग्रामीणों की मांगों को गंभीरता से लेगा या यह मामला और तूल पकड़ेगा, यह आने वाला समय बताएगा।