गुरु पूर्णिमा पर प्रेमनगर विधायक भूलन सिंह ने महामाया मंदिर में किया पूजन, गुरुजनों का किया सम्मान
On Guru Purnima, Premnagar MLA Bhool Singh performed puja at Mahamaya temple and honoured his teachers

सूरजपुर/कौशलेन्द्र यादव । गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर प्रेमनगर विधायक भूलन सिंह मरावी ने सूरजपुर के प्रसिद्ध महामाया मंदिर में विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। इस दौरान उन्होंने गुरुजनों के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए कहा कि गुरु पूर्णिमा का यह पर्व गुरु-शिष्य परंपरा की महत्ता को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि यह पर्व महान गुरु वेद व्यास जी की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जिन्होंने वेदों का संकलन कर मानवता को ज्ञान का अनमोल उपहार दिया। विधायक मरावी ने कहा, “गुरु पूर्णिमा का दिन इसलिए विशेष है, क्योंकि इसी दिन भगवान शिव ने अपने शिष्यों को ज्ञान प्रदान किया था। यह दिन गौतम बुद्ध के धर्मचक्र प्रवर्तन और कई महान गुरुओं के जन्म का भी साक्षी रहा है। गुरु के बिना जीवन अधूरा है, क्योंकि वे ही हमें अज्ञान के अंधेरे से प्रकाश की ओर ले जाते हैं।”
इस अवसर पर विधायक ने मंदिर की पुजारी को साल, श्रीफल और मिठाई देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में भाजपा जिला अध्यक्ष मुरली मनोहर सोनी, संदीप अग्रवाल, शशिकांत गर्ग, जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती स्वाति सिंह , नगर पालिका उपाध्यक्ष शैलेश अग्रवाल , यशवंत सिंह , संध्या सिंह , संत सिंह , संतोष सोनी , दरोगा सिंह , विजय नारायण राजवाड़े, राज्यपाल सिंह , रामबिलास , प्रमिला चक्रधारी, देवनारायण मिस्त्री, लुनावती राजवाड़े, भोला विश्वकर्मा, अजय कुशवाहा , दिलीप सिंह , अवध सिंह , कमल साय , बोधन सिंह , राजेश केसरी , कुमारी भारती , लक्षन धारी , नीरज गुप्ता , संजू सोनी , बड़ी संख्या में पदाधिकारी -कार्यकर्ता, सरपंच और स्थानीय लोग उपस्थित रहे। मंदिर परिसर भक्ति और श्रद्धा के रंग में रंगा नजर आया। विधायक श्री मरावी ने इस अवसर पर उपस्थित लोगों से गुरुजनों का सम्मान करने और उनके दिखाए मार्ग पर चलने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि गुरु का स्थान जीवन में सर्वोपरि है और हमें उनके प्रति हमेशा कृतज्ञ रहना चाहिए।
स्थानीय लोगों में उत्साह
गुरु पूर्णिमा के इस आयोजन में शामिल हुए स्थानीय लोगों ने विधायक के इस प्रयास की सराहना की। मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद भक्तों ने भी अपने गुरुओं को याद कर उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त की। यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक एकता को भी मजबूत करने वाला रहा।